मन के कोने से...

7 फ़रवरी 2024

माफ़ीनामा सहित..

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सरलीकरण करना, कुछेक केस स्टडी, कुछ उदाहरण के आधार पर बहुत बड़ा निष्कर्ष निकाल लेना जिसका सच से बहुत गहरे स्तर तक कोई लेना देना नहीं। तुम्हार...
6 फ़रवरी 2024

कुछ भी...

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अपलिफ्टमेंट के उस जोन में हूँ जहाँ मुझे अपनी कहनी है, आप सुनो न सुनो भाड़ में जाओ मेरे फ़र्क़ पड़ना बंद हो गया। जब मैं आपको सुनूँगा तो पूरी तरह ...
31 जनवरी 2024

मैं फिल्म हूँ

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डंकी का ट्रेलर देख के ट्विटर पर ये लिखा था- सबकुछ कहने के तरीके में है " तुम बात करते हुए बीच में रुक के हँसती हो तो अच्छा लगता है...
14 जनवरी 2024

चदरिया झीनी रे झीनी..

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उसी दिन लड़के ने चादर बदला और अपने अंदर से एक शख़्स को भी। और रात तक सोते सोते उसने उस नए चादर को वपास पुरवर्ती तहों से तह करके वापस रख भी दिय...
6 जनवरी 2024

गिलहरी, पानी, चाँद, कुछ ग्राम यक़ीन..

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गिलहरियों को किस बात की जल्दी रहती है ? भागेंगी एकदम तेज़, छलांग देखिए कितनी सटीकता से लेती हैं। पलटती एकदम तेज़ी से, खाते वक़्त उनका दांत देख...
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मन्टू कुमार
चम्पारण
:) ज़िन्दगी के उन अर्थों के नाम— जो पेड़ों के पत्तों की तरह चुपचाप उगते हैं और झड़ जाते हैं ! ~ अमृता प्रीतम
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