कुछ चीजें ऐसी होती है जिन्हें कभी भी बदला नही जा सकता...उन्हें अपनाने के लिए या तो खुद हमें बदलना पड़ता है या फिर हमारी सोच बदल जाती है,उन चीजों के प्रति और ऐसा महसूस होने लगता है कि ये चीजें हमारे लिए मायने नही रखती...पर हमारी सोच बदल जाने से यह नही हों सकता है कि उन चीजों का असली मतलब भी बदल जाए...वे हमारे लिए ना सही किसी और के लिए तो वही मतलब लिए हुए है |
कुछ अनछुई बातें...लम्हें...जिसे जीया सबने है पर अपनाया कुछ ने ही...जिसे देखा सबने है पर महसूस कुछ ने ही किया है...जिसे कहा-सूना सबने है पर...अम्ल में कुछ ने ही लिया है...
लेखा-जोखा-
जब पेट और जेब दोनों एक साथ खाली हों तो ये एहसास होने में देर नही लगती कि जिंदगी ने हमें क्या-क्या दिया है और बदले में हमने उसे कितना लौटाया है???
वजूद-
सबके पास अपना-अपना है...पर कितनों के पास खुद का है???
किसे कहें अपना-
जो हमारी बातें सुनता हों...जो हमें समझाता हों...जो हमें चाहता हों...या फिर वो...जो हमारे दर्द को समझता हों... जो अपने हाथों से हमारे घाव पर मरहम लगाता हों...???
चेहरा-
हर चेहरे ने मुखौटा लगा रखा है हर चेहरे के सामने...हम खुद तो दूर,आइना भी गफ़लत में पड़ जाए कि असली वाला चेहरा कौन सा है ???
कहाँ तक जाना है-
आज चाँद तक पहुँच है हमारी...पर कितनों को ये खबर है कि अपना पड़ोसी कौन है???
जैसे को तैसा-
जो खुशियाँ पाने कि चाह रखते है...पहले वो ये बताए कि उन्होंने दूसरों को देने की कितनी बार कोशिश भर भी की है???
और इन कुछ के होने से ही ये दुनिया टिकी है |ये ऐसी बातें हैं...जो सब किसी पर लागू नही होती...या ऐसा भी हों सकता है कि कोई ऐसा चाहता ही ना हों...पर कितने अभी भी हैं इस दुनिया में जो इन बातों को अपनी जिंदगी में खुद आगे बढ़कर स्वीकारते हैं...जो सही को सही मानते हुए गलत को भी बखूबी पहचानते हैं...फिर वो दुनिया की नज़र में चाहें कैसे भी हों,अपनी नज़र में वे महान होते है...जो की असल जिंदगी जीने के लिए सबसे बड़ी चीज है...
मै तो यही जानता हूँ कि जहाँ कुछ सही है,वहाँ गलत भी होने की पूरी गुंजाइश है...और फिर जिंदगी का हर पहलू ऐसे ही संतुलित होता है...एक ही तराजू के दोनों पलड़ों पर चढ़कर...एक बगल सही तो दूसरी बगल गलत ...
- "मन"
कुछ अनछुई बातें...लम्हें...जिसे जीया सबने है पर अपनाया कुछ ने ही...जिसे देखा सबने है पर महसूस कुछ ने ही किया है...जिसे कहा-सूना सबने है पर...अम्ल में कुछ ने ही लिया है...
लेखा-जोखा-
जब पेट और जेब दोनों एक साथ खाली हों तो ये एहसास होने में देर नही लगती कि जिंदगी ने हमें क्या-क्या दिया है और बदले में हमने उसे कितना लौटाया है???
वजूद-
सबके पास अपना-अपना है...पर कितनों के पास खुद का है???
किसे कहें अपना-
जो हमारी बातें सुनता हों...जो हमें समझाता हों...जो हमें चाहता हों...या फिर वो...जो हमारे दर्द को समझता हों... जो अपने हाथों से हमारे घाव पर मरहम लगाता हों...???
चेहरा-
हर चेहरे ने मुखौटा लगा रखा है हर चेहरे के सामने...हम खुद तो दूर,आइना भी गफ़लत में पड़ जाए कि असली वाला चेहरा कौन सा है ???
कहाँ तक जाना है-
आज चाँद तक पहुँच है हमारी...पर कितनों को ये खबर है कि अपना पड़ोसी कौन है???
जैसे को तैसा-
जो खुशियाँ पाने कि चाह रखते है...पहले वो ये बताए कि उन्होंने दूसरों को देने की कितनी बार कोशिश भर भी की है???
और इन कुछ के होने से ही ये दुनिया टिकी है |ये ऐसी बातें हैं...जो सब किसी पर लागू नही होती...या ऐसा भी हों सकता है कि कोई ऐसा चाहता ही ना हों...पर कितने अभी भी हैं इस दुनिया में जो इन बातों को अपनी जिंदगी में खुद आगे बढ़कर स्वीकारते हैं...जो सही को सही मानते हुए गलत को भी बखूबी पहचानते हैं...फिर वो दुनिया की नज़र में चाहें कैसे भी हों,अपनी नज़र में वे महान होते है...जो की असल जिंदगी जीने के लिए सबसे बड़ी चीज है...
मै तो यही जानता हूँ कि जहाँ कुछ सही है,वहाँ गलत भी होने की पूरी गुंजाइश है...और फिर जिंदगी का हर पहलू ऐसे ही संतुलित होता है...एक ही तराजू के दोनों पलड़ों पर चढ़कर...एक बगल सही तो दूसरी बगल गलत ...
- "मन"
Tum kab sochte ho ye sab?
जवाब देंहटाएंजब कुछ दोस्तों या किसी अपने जिंदगी में मिलने वाले लोगो के बर्ताव को देखकर सोचता हूँ|
हटाएंइनमें से कुछ बातें मैंने आप से सीखी है...जब ये मेरे ऊपर ही कभी-कभी लागू होतीं हैं |
वजूद-
जवाब देंहटाएंसबके पास अपना-अपना है...पर कितनों के पास खुद का है???
बहुत गहन प्रश्नोत्तर हैं मंटू जी क्या उम्र है आपकी ?
19 वसन्त देख चुके हैं...:)
हटाएंबेहतरीन...
जवाब देंहटाएंम्ंटू जी बहुत पारखी नज़र है आपकी और सोच बहुत खूबसूरत ।
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