9 जून 2020

चुप्पी तोड़ो और लिखो ख़त अब

लड़की चुप है
जैसे चुप हैं तारे वैसे ही
जैसे मोची के बेटे के सपने चुप हैं
और जैसे चुप है सारी मछलियाँ।

वो लड़की शुरू से ही नहीं थी लड़की
थोड़ी देर से बनी थी वो लड़की
जैसे उसका प्रेमी थोड़ा पहले ही बन गया था लड़का
जैसे प्रेम को महसूसते हुए कोई इंसान बन जाता है पिता
ठीक वैसे ही चुप है वो लड़की।

लड़की चुप है और उसकी चुप्पी
एक दिन रचेगी सभ्यता
एक दिन चाँद देर से पहुँचेगा अमावस की रात तक
एक दिन सूरज जल्दी डूबेगा
एक दिन दक्षिणी ध्रुव को एहसास होगा उत्तरी ध्रुव की ठंड
एक दिन पिता को एहसास होगा कि इस 'समाज' का क्या करूँ अब
लड़की चुप है और उसकी चुप्पी में 'एक दिन' है छिपा हुआ।

उस लड़की का
'लड़की' होने का रहस्य
उसके होने का रहस्य-
दूर देश के एक लड़के,
एक समंदर, एक चाँद को पता है।
लड़की ने एक बार कहा था-
जब देर रात देह में उठता है दर्द
तो उसकी आँखों और होठ का फासला कम हो जाता है।

वो लड़की चाहती क्या है ?
किस्से, कविताएँ, यक़ीनी बातें,
प्रेमी की उलझनें या प्रेमी की उड़ान!

धूप घड़ियाँ-सी होती हैं कुछ लड़कियाँ उनमें सुइयां नहीं होती,
और उनके गहरे रहस्य तक पहुँचने के लिए
कुछ लड़के रेतघड़ी के सहारे काट लेते हैं ज़िन्दगी।


मन :)

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