मुझे लगता है मेरा समय बाकियों से कुछ जल्दी चलता है। फटाक से दिन बीत जाता है और महीने भी और साल भी। करने को कितना कुछ फ़िर भी बाकी रह जाता है।
इस साल की शुरुआत बुरी तो नहीं कह सकते एक अलग अनुभव के साथ हुई। घर वालों को लगता है मैं पढ़ नहीं रहा केवल घूमता रहता हूँ जबकि उन्होंने मुझे दिल्ली पढ़ने के लिए भेजा है। सही भी है मैं पढ़ कम ही रहा होता हूँ और घूमता ज़्यादा हूँ क्योंकि मेरा मन जो कहता है मैं वो करता हूँ। हालांकि मैंने जो भी किया है घरवालों को हमेशा बताया है कि हाँ मैं पढ़ नहीं रहा और घूमने के बारे में, कविता लिखने में, फ़िल्म देखने में और फलाने लड़की से बात करने में और थोड़ा बहुत मन हुआ तो पढ़ लेने में भी समय लगा देता हूँ। तो 1 जनवरी 2021 को घर वालों की तरफ़ से फरमान ज़ारी हुआ कि मैं पढूँगा तब ही वे महीने के ख़र्चे का पैसा भेजेंगे नहीं तो नहीं। मैंने भी कह दिया मेरा मन होगा पढ़ने का तो ही पढूँगा आपलोगों की धमकी देने से तो मैं पढ़ने से रहा। प्लूटो के ले आने से भी घर वालों को दिक्कत हुई। मैंने ये भी कहा पापा को कि मेरा मन कहेगा कि 4 और प्लूटो रख तो मैं 4 और प्लूटो लाऊँगा, आपके पैसे नहीं भेजने हैं मत भेजो। गतिरोध ज़ारी है। आगे क्या होना है मुझे भी नहीं पता, हाँ इतना ज़रूर है कि घर तो अब मैं मुँह खोल के पैसे के लिए नहीं कहूंगा।
"आख़िर कब तक एक बेटा अपने बाप से पैसे लेता रहेगा ?" इसपर अपुन कभी फ्यूचर में फ़िल्म बनायेगा 😎
1 जनवरी को ये सब बात हुई और 2 जनवरी को मैं गोधरा विनोद के पास नया साल, जन्मदिन मनाने और सूरत-वडोदरा घूमने के लिए निकल गया।
इंजीनियरिंग के हम चार ज़िगरी दोस्त (विनोद, विजय, मियां) जमा हुएं और ख़ूब मस्ती हुई। जन्मदिन बढ़िया से मन गया पर मेरे लिए तो हर रोज़ ही नया साल और हर रोज़ ही जन्मदिन होता है।
प्लूटो को संगीता दी के घर छोड़ गया था मगर 4 दिन में ही प्लूटो ने अपने रंग दिखा दिए और संगीता दी-उनके बच्चे प्लूटो से परेशान हो गए। सूरत-वडोदरा न जाके मैं वहाँ से एक तरह से भागते हुए दिल्ली आया, मियां और विनोद को नाराज़ करके।
गुजरात से लौटा तो चाँदनी चौक के शीशगंज गुरुद्वारा चला गया। यहां मैं बराबर जाता रहता हूँ, सुकून है यहाँ। वहीं से फ़िर हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया और अमीर ख़ुसरो की दरगाह भी चला गया।
जनवरी में मैंने ये सब पढ़ा-
ज़बाने यार मनतुर्की ~ प्रबोध कुमार गोविल (गुजरे दौर की अभिनेत्री साधना की जीवनी है)
कम से कम ~ अशोक वाजपेयी (2015-2018 के बीच अशोक जी की लिखी गई एक ख़ास तेवर की कविताएँ)
UPSC और IGNOU के सिलेबस में शामिल 95 कहानियाँ ❤
अज्ञेय जी के कुछ निबंध
मॉडर्न हिस्ट्री के कुछ चैप्टर
हिंदी साहित्य के वीडियो क्लासेज (मेरा ऑप्शनल हिंदी साहित्य ही है)
पवित्र क़ुरआन शुरू की है मगर अल्तमश ने ये कह के पढ़ने के लिए मना किया कि वो घर जाके उसके पास जो ऑथेंटिक क़ुरआन है वो मुझे भेज देगा तो उससे पढूं।
जनवरी में इन फ़िल्मों से गुज़रा-
Jojo Rabbit, 2019 ❤❤❤
Sir, 2021 ❤❤
A Beautiful Mind, 2001 ❤ ❤❤❤❤
Forrest Gump, 1994 ❤❤
The White Tiger, 2021 ❤
Atonement, 2007 ❤❤
One Day, 2011 ❤ ❤❤
Pride and Prejudice, 2005 ❤ ❤ ❤❤
Little Women, 2019
The Last Color, 2021
102 Not Out, 2018 ❤
Tribhanga, 2021 ❤❤
हॉटस्टार पर बहुत सारी सॉर्ट फ़िल्म हैं, उन्हें भी देखा।
Apollo 13, Anna Karenina, The Social Network शुरू की है।
वैसे फ़िल्मों के लिए
गाने तो 24 घण्टे में 27 घण्टे चल ही रहे होते हैं। रेडियो पर या अमेज़ॉन प्राइम म्यूजिक पर। इस महीने रहमान सर के उन गानों को ख़ूब सुना जो उन्होंने साउथ की फ़िल्मों के लिए बनाए हैं। गाने के बोल ऊपर से जाते हैं मगर रहमान सर की धुन सीधा दिल को छेदते हुए आर-पार
वैसे जनवरी बीतने में टाइम लगा है, मेरा समय थोड़ा धीमा हो गया था इस महीने, पता नहीं क्यों पर धीमा हो गया था। (मुझे पता है क्यों पर मैं बताऊँगा नहीं 😂)
फ़रवरी में ये सारी किताबें पढ़ जानी है। चम्पारण 1917 तो शुरू कर भी दी है।
फ़रवरी में IGNOU के एग्जाम भी हैं। एडमिट कार्ड आ गया। 10, 11, 12, 13, 25, 26, 27 फ़रवरी को एग्जाम है। 7 पेपर में से 4 पेपर की तैयारी हो चुकी है। 3 की करनी है। पता है ? मुझे ख़ुशी इस बात की हो रही है कि मैं 7 दिन एग्जाम देने जाऊँगा तो 7 दिन घूमने का मौका मिलेगा 🙈
फ़रवरी में ही जयपुर जाने का सोचा है बस 2 दिन के लिए। मौका और मन हुआ तो झोला उठा के घर्मशाला भी निकल सकते हैं। फ़रवरी में तीसरा फ्लैटमेट पंकज ब्रो भी आ रहे हैं। दीवाली से ही वे अपने गाँव से चले हैं। अब वे फ़रवरी में दिल्ली पहुंचेंगे।
प्लूटो के रेबीज के टीके भी लग गएँ अब इससे कोई डर नहीं। फ़रवरी के एंड में दुबारा टीके लगेंगे, फ़िर एक साल बाद। घर वाले ज़िद्द पर उतर चुके हैं कि प्लूटो बड़ा हो गया इसे कहीं बाहर अब छोड़ दो। पर मैं उनसे ज़्यादा ज़िद्दी हूँ। जबतक दिल्ली में हूँ प्लूटो और मेरा साथ रहेगा किसी भी कीमत पर 💃
हिंदी साहित्य की वीडियो क्लासेज पर और टाइम देना होगा। हालांकि इग्नू के एग्जाम में ही पूरा फ़रवरी निकलता दिख रहा है पर कोई ना.. सब मैनेज करेंगे। ट्विटर कुछ 2-3 ग्राम कम कर दिया है पर इससे काम नहीं चलना कम से कम 80-90 ग्राम तक ट्विटर कम करना पड़ेगा। 27 जून अभी यूँ लपक के आ जाने वाला है।
हाँ, सबसे ज़रूरी बात वही कि मेरा मन जो कहेगा मैं करूँगा। क्योंकि मन की सुनते हुए मैंने जाना है कि ज़िन्दगी का मज़ा कैसे लिया जाता है। आप भी वही सोच रहे हैं ना कि पैसे है तभी तक मज़े हैं ? नहीं, पैसा बहुत मामूली फैक्टर है। ख़ुश रहने के लिए ज़रूरी इंग्रेडिएंट्स में पैसा बहुत बाद में आता है। यक़ीन नहीं होगा कहीं आपको, मत कीजिए मेरा क्या 😂
फ़रवरी, सबके लिए ख़ुशियाँ लाए। सब में मैं भी आता हूँ और ख़ुशी का ठिकाना किधर है अपुन जानता है 😎
इंजीनियरिंग के हम चार ज़िगरी दोस्त (विनोद, विजय, मियां) जमा हुएं और ख़ूब मस्ती हुई। जन्मदिन बढ़िया से मन गया पर मेरे लिए तो हर रोज़ ही नया साल और हर रोज़ ही जन्मदिन होता है।
प्लूटो को संगीता दी के घर छोड़ गया था मगर 4 दिन में ही प्लूटो ने अपने रंग दिखा दिए और संगीता दी-उनके बच्चे प्लूटो से परेशान हो गए। सूरत-वडोदरा न जाके मैं वहाँ से एक तरह से भागते हुए दिल्ली आया, मियां और विनोद को नाराज़ करके।
गुजरात से लौटा तो चाँदनी चौक के शीशगंज गुरुद्वारा चला गया। यहां मैं बराबर जाता रहता हूँ, सुकून है यहाँ। वहीं से फ़िर हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया और अमीर ख़ुसरो की दरगाह भी चला गया।
जनवरी में मैंने ये सब पढ़ा-
ज़बाने यार मनतुर्की ~ प्रबोध कुमार गोविल (गुजरे दौर की अभिनेत्री साधना की जीवनी है)
कम से कम ~ अशोक वाजपेयी (2015-2018 के बीच अशोक जी की लिखी गई एक ख़ास तेवर की कविताएँ)
UPSC और IGNOU के सिलेबस में शामिल 95 कहानियाँ ❤
अज्ञेय जी के कुछ निबंध
मॉडर्न हिस्ट्री के कुछ चैप्टर
हिंदी साहित्य के वीडियो क्लासेज (मेरा ऑप्शनल हिंदी साहित्य ही है)
पवित्र क़ुरआन शुरू की है मगर अल्तमश ने ये कह के पढ़ने के लिए मना किया कि वो घर जाके उसके पास जो ऑथेंटिक क़ुरआन है वो मुझे भेज देगा तो उससे पढूं।
जनवरी में इन फ़िल्मों से गुज़रा-
Jojo Rabbit, 2019 ❤❤❤
Sir, 2021 ❤❤
A Beautiful Mind, 2001 ❤ ❤❤❤❤
Forrest Gump, 1994 ❤❤
The White Tiger, 2021 ❤
Atonement, 2007 ❤❤
One Day, 2011 ❤ ❤❤
Pride and Prejudice, 2005 ❤ ❤ ❤❤
Little Women, 2019
The Last Color, 2021
102 Not Out, 2018 ❤
Tribhanga, 2021 ❤❤
हॉटस्टार पर बहुत सारी सॉर्ट फ़िल्म हैं, उन्हें भी देखा।
Apollo 13, Anna Karenina, The Social Network शुरू की है।
वैसे फ़िल्मों के लिए
अब से दी जाने वाले टाइम में कटौती करना कंपल्सरी करूँगा, अभी सोचा है देखते हैं कर पाता हूँ कि नहीं!
गाने तो 24 घण्टे में 27 घण्टे चल ही रहे होते हैं। रेडियो पर या अमेज़ॉन प्राइम म्यूजिक पर। इस महीने रहमान सर के उन गानों को ख़ूब सुना जो उन्होंने साउथ की फ़िल्मों के लिए बनाए हैं। गाने के बोल ऊपर से जाते हैं मगर रहमान सर की धुन सीधा दिल को छेदते हुए आर-पार
वैसे जनवरी बीतने में टाइम लगा है, मेरा समय थोड़ा धीमा हो गया था इस महीने, पता नहीं क्यों पर धीमा हो गया था। (मुझे पता है क्यों पर मैं बताऊँगा नहीं 😂)
फ़रवरी में ये सारी किताबें पढ़ जानी है। चम्पारण 1917 तो शुरू कर भी दी है।
फ़रवरी में IGNOU के एग्जाम भी हैं। एडमिट कार्ड आ गया। 10, 11, 12, 13, 25, 26, 27 फ़रवरी को एग्जाम है। 7 पेपर में से 4 पेपर की तैयारी हो चुकी है। 3 की करनी है। पता है ? मुझे ख़ुशी इस बात की हो रही है कि मैं 7 दिन एग्जाम देने जाऊँगा तो 7 दिन घूमने का मौका मिलेगा 🙈
फ़रवरी में ही जयपुर जाने का सोचा है बस 2 दिन के लिए। मौका और मन हुआ तो झोला उठा के घर्मशाला भी निकल सकते हैं। फ़रवरी में तीसरा फ्लैटमेट पंकज ब्रो भी आ रहे हैं। दीवाली से ही वे अपने गाँव से चले हैं। अब वे फ़रवरी में दिल्ली पहुंचेंगे।
प्लूटो के रेबीज के टीके भी लग गएँ अब इससे कोई डर नहीं। फ़रवरी के एंड में दुबारा टीके लगेंगे, फ़िर एक साल बाद। घर वाले ज़िद्द पर उतर चुके हैं कि प्लूटो बड़ा हो गया इसे कहीं बाहर अब छोड़ दो। पर मैं उनसे ज़्यादा ज़िद्दी हूँ। जबतक दिल्ली में हूँ प्लूटो और मेरा साथ रहेगा किसी भी कीमत पर 💃
हिंदी साहित्य की वीडियो क्लासेज पर और टाइम देना होगा। हालांकि इग्नू के एग्जाम में ही पूरा फ़रवरी निकलता दिख रहा है पर कोई ना.. सब मैनेज करेंगे। ट्विटर कुछ 2-3 ग्राम कम कर दिया है पर इससे काम नहीं चलना कम से कम 80-90 ग्राम तक ट्विटर कम करना पड़ेगा। 27 जून अभी यूँ लपक के आ जाने वाला है।
हाँ, सबसे ज़रूरी बात वही कि मेरा मन जो कहेगा मैं करूँगा। क्योंकि मन की सुनते हुए मैंने जाना है कि ज़िन्दगी का मज़ा कैसे लिया जाता है। आप भी वही सोच रहे हैं ना कि पैसे है तभी तक मज़े हैं ? नहीं, पैसा बहुत मामूली फैक्टर है। ख़ुश रहने के लिए ज़रूरी इंग्रेडिएंट्स में पैसा बहुत बाद में आता है। यक़ीन नहीं होगा कहीं आपको, मत कीजिए मेरा क्या 😂
फ़रवरी, सबके लिए ख़ुशियाँ लाए। सब में मैं भी आता हूँ और ख़ुशी का ठिकाना किधर है अपुन जानता है 😎
❤ :)
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आपका कुछ भी लिखना,अच्छा लगता है इसीलिए...
कैसे भी लिखिए,किसी भी भाषा में लिखिए- अब पढ़ लिए हैं,लिखना तो पड़ेगा...:)