कुछ बाकि है अभी भी,
कुछ कसक पूरे होने की...
जिसका इंतजार है,
हर बेजुबां तमन्ना को...
जहाँ खत्म हों बुझी-बुझी सी सुबह,
और तलाश है उस दिन की...
जहाँ खत्म हों बुझी-बुझी सी सुबह,
और तलाश है उस दिन की...
हर सुबह की उम्मीद में,
यूँ स्याह रातों का बीतना...
अधूरे सपनों की चुभन से,
यूँ नींद,आँखों में भरना...
कि ये साजिश है वक्त की,
या खेल उन धुँधले लकीरों की...
कुछ वक्त की जोर से हुए पूरे,
कुछ ख्वाब रह गए अधूरे...
जहाँ खोकर आए हैं खुद को,
मुझे छोड़,खबर है सबको...
फ़िकर अब भी है,
उन अधूरे ख्वाबों की...
जिसके होने से मुझे इंतजार है,
एक सुनहरे कल की...
अब गम को पिघलना पड़ेगा ही,
राहें होंगी सीधी भी...
कि इंतजार है
किसी मंजिल को,
एक-ना-एक दिन अपनी भी...
- "मन"
अनुपम भाव संयोजित किये हैं आपने .. इस अभिव्यक्ति में
जवाब देंहटाएंबेहतरीन
उत्साहवर्धन के लिए आभार..!!
हटाएंअब गम को पिघलना पड़ेगा ही,
जवाब देंहटाएंराहें होंगी सीधी भी...
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gajab mango man sahab...
apne shabdon me ummed utaar laate hain.....
dil se badhaai..
बहुत-बहुत धन्यवाद भईया...:)
हटाएंशब्दों की जीवंत भावनाएं... सुन्दर चित्रांकन.
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर भावनायें और शब्द भी.बेह्तरीन अभिव्यक्ति!शुभकामनायें.
बहुत-बहुत आभार..!!
हटाएंAatm-dridhta se labrez rachna.
जवाब देंहटाएंधन्यवाद अंकल जी..!!
हटाएंकुछ वक्त की जोर से हुए पूरे,
जवाब देंहटाएंकुछ ख्वाब रह गए अधूरे...
जहाँ खोकर आए हैं खुद को,
मुझे छोड़,खबर है सबको...
फ़िकर अब भी है,
उन अधूरे ख्वाबों की...
जिसके होने से मुझे इंतजार है,
एक सुनहरे कल की...
sundar bhavabhivyakti.badhai
बहुत-बहुत आभार..!!
हटाएंभावपूर्ण सुंदर भावभिव्यक्ति...
जवाब देंहटाएंआप अपने शब्दों में नई जान और नई उर्जा भर देते हैं ..
जवाब देंहटाएंदेखना एक न एक दिन इसी कल को आज में बदल देंगे और मंजिल का इंतजार भी ख़त्म हो जायेगा।
मेरी नयी पोस्ट पर आपका स्वागत है
http://rohitasghorela.blogspot.in/2012/12/blog-post.html
हर बेजुबां तमन्ना को...
जवाब देंहटाएंजहाँ खत्म हों बुझी-बुझी सी सुबह,
और तलाश है उस दिन की...
.....बहुत सुंदर भाव, सुंदर प्रस्तुति.
कुछ दिनों से अधिक व्यस्त रहा इसलिए आपके ब्लॉग पर आने में देरी के लिए क्षमा चाहता हूँ
मेरी नयी पोस्ट पर आपका स्वागत है
http://sanjaybhaskar.blogspot.in/2012/12/2.html#links
मुझे भी फिकर है उन बेजुबान ख़्वाबों के पूरे होने की | देखते हैं कब पूरे होंगे | अच्छा लिखे हो भाई |
जवाब देंहटाएंवो मंजिल वो कल जरूर आएगा ...
जवाब देंहटाएंहिम्मत रहनी जरूरी है उस तलाश के लिए ...
utam-***
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