जैसा कि लगभग हर 'प्यार' में होता है | लड़का और लड़की दोनों एक दूसरे से बेहिसाब मोहब्बत करते थे,फिर वक्त के आगे दोनों की न चली और दोनों के बीच अब बेहिसाब दूरियाँ ने जगह ले ली थी |
ऐसा नहीं था कि वह लड़का अब उस लड़की को भुला देने की तमाम कोशिशें कर चूका हो | वह अभी भी अपने मुस्कुराने की हर एक वजह में से थोड़ा-सा वक्त निकाल के उस लड़की को याद करता था,"वह लड़की भी शायद ! इस लड़के को कभी याद करती होगी ?" बेशक,लड़का ये उम्मीद अपने हिस्से के वक्त की राहों में कहीं दूर बहुत दूर छोड़ आया था या वह खुद से समझौता कर चूका था कि लड़की उसे याद करें या न करें वह जरुर उस लड़की से जुड़ी हुई हर बीती बात को अपने आने वाले सभी वक्तों में याद करता रहेगा,शायद ! लड़के के लिए मुस्कुराने की यही एक वज़ह हों |
पर इस 'प्यार' (?) में लड़का कभी भी उस लड़की को याद करते हुए अपनी पलकों को भीग जाने का एक भी मौका पूरे यकीन के साथ कभी नहीं देता था,क्यूंकि वह लड़का अपनी माँ को हमेशा मुस्कुराते हुए देखना चाहता था और यक़ीनन इसे भी 'प्यार' ही कहते हैं...
ऐसा नहीं था कि वह लड़का अब उस लड़की को भुला देने की तमाम कोशिशें कर चूका हो | वह अभी भी अपने मुस्कुराने की हर एक वजह में से थोड़ा-सा वक्त निकाल के उस लड़की को याद करता था,"वह लड़की भी शायद ! इस लड़के को कभी याद करती होगी ?" बेशक,लड़का ये उम्मीद अपने हिस्से के वक्त की राहों में कहीं दूर बहुत दूर छोड़ आया था या वह खुद से समझौता कर चूका था कि लड़की उसे याद करें या न करें वह जरुर उस लड़की से जुड़ी हुई हर बीती बात को अपने आने वाले सभी वक्तों में याद करता रहेगा,शायद ! लड़के के लिए मुस्कुराने की यही एक वज़ह हों |
पर इस 'प्यार' (?) में लड़का कभी भी उस लड़की को याद करते हुए अपनी पलकों को भीग जाने का एक भी मौका पूरे यकीन के साथ कभी नहीं देता था,क्यूंकि वह लड़का अपनी माँ को हमेशा मुस्कुराते हुए देखना चाहता था और यक़ीनन इसे भी 'प्यार' ही कहते हैं...
जवाब देंहटाएंसही प्यार के रूप अनेक!
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यक़ीनन ....
जवाब देंहटाएंप्यार के अनेक रूप होते हैं .. अनेक लोगों से जीवन में प्यार होता है ...
जवाब देंहटाएंसभी को मुस्कुराता देखना चाहता है इंसान ... फिर माँ को तो सबसे ज्यादा ...
दिगंबर जी की बातों से एकदम सहमत हूँ .....
जवाब देंहटाएंकुछ शब्दो मे समेटी गई एक बहुत बड़ी बात। बहुत खूबसूरत
जवाब देंहटाएंप्यार...एक सतरंगी एहसास....
जवाब देंहटाएंसमझ से परे!!
अनु
behtreen rachna.
जवाब देंहटाएंpyaar ise hi kahte hain.
yun to blog par pahli baar aana hua hai...par vakai ek accha anubhav mila hai...bahut paripkv soch hai...aur rachnayen bhi :)...keep going :)
जवाब देंहटाएंAapka Aabhari Hun...
हटाएंसुंदर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंDhanywad Bhaiya...
जवाब देंहटाएंमेरे डोमेन से बाहर :) :)
जवाब देंहटाएंलेकिन खूबसूरत लिखा है |
:)
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