वह लड़का हमेशा मुस्कुराता रहता था।19 बसंत देख चूका था।उसके पहनावे से वह नई पीढ़ी के लड़कों में गिना जाता पर उसे पुराने गाने सुनना बेहद पसंद था।उसकी ज़िन्दगी खुद की वजह से कम और उसके माता-पिता,दादा-दादी,छोटी बहन,कुछ दोस्तों की वजह से ज्यादा चलती थी।उसे किसी से शिकायत नहीं थी न खुद से न खुदा से !
वह अपने निजी कमरे में अकेला खुद के वजुद के साथ घंटो बिताता,उसकी माँ उसके टेबल पर हमेशा एक गिलास पानी हर एक-दो घंटे में रख आती थी।
वह जितना वक़्त अपने हिसाब से बनाये दोस्तों को देता उतना ही अपनी छोटी बहन के साथ भी रहता,बेमतलब से सवाल दादी से पूछता और ऐसे कुछ काम करता कि उसके दादा जी उसे डांट सके फिर वह दादा जी को कभी पलट के जवाब न देकर अपने चेहरे को मुस्कुराने के लिए कहता। घर से ज्यादातर वक़्त दूर रहने वाले पिता से वह खौफ रखता और माँ को कभी यह कहने का मौका नही देता कि उन्हें अपने एकलौते बेटे से शिकायत है।
खुशनुमा दिन गुजर जाने के बाद रात के इंतजार में वह रहता था। रात को अपनी पर्सनल डायरी में दिन भर के उन लम्हों को हुबहू उतार देता जिनसे वह मुस्कुरा उठता हो,बेमतलब सी बात भी कागज-कलम का साथ पाके मतलब ले लेती थी।डायरी लिखते वक़्त वह बेहद खुश होता।हर पेज के आखिरी में वह ऊपर वाले का शुक्र अदा करता,तहदिल से खुदा को याद करके प्रार्थना करता फिर वह उस डायरी को उस तकिये के नीचे छुपा देता जहाँ वह चुराए हुए पैसे छुपाकर रखता था। फिर किशोर दा का गाना "कैसी है पहेली ज़िन्दगी..." सुनते हुए नींद के आगोश में चला जाता,अँधेरी रातों को जोर का सदमा देके !
-मन
17 अगस्त 2014
लड़का-डायरी-तकिया...
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Lagta hai tumne apni AATMKATHA likhne ki shuruaat kar dee! Rochak!
जवाब देंहटाएं:) अभी ज़िन्दगी को भरपूर जीने दीजिये सर...
हटाएंमुस्कराहटों भरा हर लम्हा ...उसकी नसीब हो जाये आमीन ....
जवाब देंहटाएंहर लम्हा यादगार ऐसे ही तो बनता है
जवाब देंहटाएंजो आने वाले पलों की मुस्कुराहटों में इजाफ़ा कर दे :)
सही कहा आपने धन्यवाद :)
हटाएंyes mango man sahab.........................i feel it...
जवाब देंहटाएं:)
हटाएंमुस्कराहटों भरा हर लम्हा
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