लड़के की ज़िन्दगी
गुजरता हुआ वक़्त
उस वक़्त की परत में
दबती जा रही एक लड़की
जो लड़के के सपनों में,
आधे की हक़दार थी...
जमाने ने उस लड़के को ज़ख्म दीये
उसी जमाने के हाथ में मरहम मिला उसे
चलते-चलते अजनबी राहों में
एक लड़की मिली उसे !
रूप अलग रूह एक
लम्हें अलग सुकून एक
बातें अलग मुस्कुराहट एक...
लड़की का दिल लड़के के करीब है
शायद लड़के का दिल भी लड़की के पास
यह शायद ! यकीन में बदल जाए तो
लड़के के मेज पर रखीं गीले पन्नों पर,
रुक-रुक कर चलने वाली कलम को रफ़्तार मिले
और
मुक्कमल हो जाए,
दो रूह...दो दिल...
गुजरता हुआ वक़्त और
लड़के की ज़िन्दगी...
- मन
:) आभारी हूँ...
जवाब देंहटाएंAb dheere-dheere khulne ka zamaana nahin hai, jaldi se khulo!
जवाब देंहटाएं:)
हटाएंबहुत खूब ... प्रेम रहेगा तो मिलन भी होगा ... चाहे धीरे धीरे ...
जवाब देंहटाएं:) धन्यवाद सर
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