ज़िंदगी,आसान क्यों नहीं है ? और अगर आसान नहीं है तो इसे मुश्किल बनाता कौन है ?
हम आज में जो कुछ भी कर रहे होते हैं,कल वही हमारे सामने आने वाला है...अगर सबकुछ आसान है तो खुद के साथ सबका शुक्रगुजार होना और अगर मुश्किलें आयेंगी तो दूसरों पर ऊँगली उठाना आसान है और सही भी है क्योंकि उन कुछ लोगों की ज़िंदगी ने उन्हें शुक्रगुजार होना कम और दूसरों पर ऊँगली उठाना बेहतरी से सिखाया है
पर आखिर में ये खुबसूरत ज़िंदगी केवल हमारी ही है,हर राह के हर मोड़ के लिए हम खुद जिम्मेदार है,इस बात को कुछ लोग जल्दी समझ जाते हैं तो उनकी ज़िंदगी बहुत हद तक आसान हो जाती है और जो नहीं समझ पाते उन्हें अपनी ही ज़िंदगी से शिकायतें रहती हैं और मुश्किलों से सामना होता है...
बहुत हद तक सही भी हो कि किसी की ज़िंदगी ही उसे मुश्किलों के सफ़र तक ले गई हों पर उन्हें ये भी मानना चाहिए कि ज़िंदगी ने उन्हें कईं मौके दिए होंगे जिससे उनकी ज़िंदगी आसान हो जाए,बेहतर हो जाए...
ये समझना और जल्दी समझना बहुत जरुरी है कि ज़िंदगी वैसी ही बनती चली जाती है जैसा कि हम उसे चाहते हुए बनाते हैं,नहीं तो वक्त आने पर ज़िंदगी समझा ही देती है...फैसला हमारे हाथों में है-आसान या मुश्किल???
ज़िंदगी,पहेली तो बिल्कुल नहीं है पर इसके हर मोड़ को ठीक-ठीक समझ लेना कभी भी आसान नहीं रहा...और हमेशा की तरह इसे लिखकर समझना बेहद आसान है,बेहद...
- "मन"
हम आज में जो कुछ भी कर रहे होते हैं,कल वही हमारे सामने आने वाला है...अगर सबकुछ आसान है तो खुद के साथ सबका शुक्रगुजार होना और अगर मुश्किलें आयेंगी तो दूसरों पर ऊँगली उठाना आसान है और सही भी है क्योंकि उन कुछ लोगों की ज़िंदगी ने उन्हें शुक्रगुजार होना कम और दूसरों पर ऊँगली उठाना बेहतरी से सिखाया है
पर आखिर में ये खुबसूरत ज़िंदगी केवल हमारी ही है,हर राह के हर मोड़ के लिए हम खुद जिम्मेदार है,इस बात को कुछ लोग जल्दी समझ जाते हैं तो उनकी ज़िंदगी बहुत हद तक आसान हो जाती है और जो नहीं समझ पाते उन्हें अपनी ही ज़िंदगी से शिकायतें रहती हैं और मुश्किलों से सामना होता है...
बहुत हद तक सही भी हो कि किसी की ज़िंदगी ही उसे मुश्किलों के सफ़र तक ले गई हों पर उन्हें ये भी मानना चाहिए कि ज़िंदगी ने उन्हें कईं मौके दिए होंगे जिससे उनकी ज़िंदगी आसान हो जाए,बेहतर हो जाए...
ये समझना और जल्दी समझना बहुत जरुरी है कि ज़िंदगी वैसी ही बनती चली जाती है जैसा कि हम उसे चाहते हुए बनाते हैं,नहीं तो वक्त आने पर ज़िंदगी समझा ही देती है...फैसला हमारे हाथों में है-आसान या मुश्किल???
ज़िंदगी,पहेली तो बिल्कुल नहीं है पर इसके हर मोड़ को ठीक-ठीक समझ लेना कभी भी आसान नहीं रहा...और हमेशा की तरह इसे लिखकर समझना बेहद आसान है,बेहद...
- "मन"
जिंदगी एक भूलभुलैया है ,इसमें हर राह खुदको ढूँढना पढता है
जवाब देंहटाएंlatest post: प्रेम- पहेली
LATEST POST जन्म ,मृत्यु और मोक्ष !
दरअसल जीवन को जितना सहज और आसान रक्खा जाए उतमा ही ठीक रहता है ... सरलता जीवन कुंजी है ... कई लोग बिनाबात के जीवन को कोम्प्लिकेट करते रहते हैं ... उससे बचना चाहिए ..
जवाब देंहटाएंनासवा जी ने सही कहा है:
जवाब देंहटाएंसरलता ही जीवन की कुंजी है!
ढ़
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थर्टीन ट्रैवल स्टोरीज़!!!
हर राह को ढूँढना पढता है
जवाब देंहटाएंसही लिखा आपने
जवाब देंहटाएंहमारे कर्म ही हमें राह देते है कल की,ये कोई अबूझ पहेली नहीं के कौनसी राह अगली खुलेगी.
वाह.......अति सुन्दर ।
जवाब देंहटाएंकठिनाइयां न हों तो जीवन का मज़ा ही क्या ....?
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.
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