माँ-बाप पर से उठ गया हो।
वह कभी भी ईश्वर पर भरोसा नहीं कर सकता।
पहाड़ी झरने में मिलकर
बरसात का पानी ले जाता है जीवन।
बूढ़ा होना अचानक आएगा
जैसे आ जाती है अचानक छींक।
एक पागल कवि जानता है कि
लड़की बुखार में नहीं प्रेम में है।
शाम की तरफ़ जाते जीवन में
कठिन लगता सबकुछ
सुनसान रास्तों पर चलते हुए
मुस्कान की पैरवी करते दरख़्त
सच को झुठलाते हुए पश्चिम में डूबता सूरज।
उन गुनाहों की सज़ा क्या होगी ?
जो प्रेम में रहते हुए
पागल कवि और बुखार वाली लड़की
पूरी पृथ्वी को एक कर देते हैं।
पर जीवन में यादों को उगाना भी
कम मुश्किल काम नहीं
और
किसी को याद करके रो सकने की तो
बात ही दूसरी है।
मुमकिन है
बुखार वाली लड़की का हाथ
जब उसका पति थामे
तो उँगलियाँ पागल कवि की हो, मुमकिन है।
:)
अच्छी है :)
जवाब देंहटाएंधन्यवाद :)
हटाएं:)
जवाब देंहटाएंआभार।
बहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंधन्यवाद :)
हटाएंमुमकिन है
जवाब देंहटाएंबुखार वाली लड़की का हाथ
जब उसका पति थामे
तो उँगलियाँ पागल कवि की हो, मुमकिन है।
वाह!!! 👌👌👌
:)
हटाएंधन्यवाद।